हस्तरेखा शास्त्र के बारे में

इससे पहले कि हम आगे बढ़े, अपने हाथों पर एक नज़र डालें। नहीं, आपके हाथों का पिछला भाग नहीं – आप उन्हें पहले से ही अच्छी तरह से जानते हैं ! इसके बजाय, अपनी हथेलियों को ध्यान से देखें। क्या दिख रहा है आपको ? अलग अलग तरह के निशान, रेखाएं, ऊपर नीचे होती हुई लकीरें ?

कोई भी दो मानव हथेलियां बिल्कुल एक जैसी नहीं होती हैं। वास्तव में, आपकी अपनी दाहिनी हथेली आपकी बाईं हथेली से काफी अलग दिख सकती है।

मानो या न मानो, ये विशेषताएँ बहुत मायने रख सकती हैं। हस्तरेखा पढ़ने का अभ्यास करने वाले लोगों के लिए, प्रत्येक पंक्ति अपना संदेश भेजती है। हस्तरेखा पढ़ना मानव हथेली की व्याख्या करने की प्रथा है। हस्तरेखा पाठकों का मानना है कि इससे उन्हें किसी व्यक्ति के चरित्र के बारे में जानने या अपना भविष्य बताने में मदद मिलती है। हाथों की लकीरें व्यक्ति के वर्तमान, भूत और भविष्य पर प्रकाश डालती हैं। हथेली पर बनीं, हाथों की रेखों को पढ़कर, जब व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसके जीवन को देखा जाता है तब इसे हस्तरेखा अध्ययन बोलते हैं।

इसके साथ-साथ यहाँ आपको अपने स्वास्थ्य, धन, परिवार, सुख, दुःख, व्यवसाय, समृधि और विवाह समेत जानकारियां, यहाँ से प्राप्त हो जाती हैं। हस्त-रेखा शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के हाथ में जीवन, मस्तिष्क और अर्थ आदि सभी रेखायें होती हैं जिनका अध्ययन कर भविष्यवाणी की जाती है।

आपकी हथेली में मुख्य रूप से सात बड़ी तथा सात छोटी रेखाएं होती है जिसमे मुख्य ह्रदय रेखा, भाग्य रेखा तथा मष्तिष्क रेखा होती है साथ बड़ी रेखाओ के नाम जीवन रेखा, ह्रदय रेखा, मस्तिष्क रेखा,  भाग्य रेखा, सूर्य रेखा, स्वास्थ्य रेखा तथा शुक्र मुद्रिका है |

इसके अतिरिक्त सात छोटी रेखाएं है, मंगल रेखा, चन्द्र रेखा, विवाह रेखा, निकृष्ट रेखा है तथा तीन मणिबंध रेखाएं होती है जो हथेली की जड़ और हाथ की कलाई स्थित होती है | इन रेखाओ के आधार पर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, उसके मष्तिष्क की दशा, संतान तथा आयु के विषय में आकलन लगा सकते है |